आपकी ब्रा ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं, इस बात का पहला खुला जिक्र 1995 में रॉस सिंगर और सोमा ग्रिसमेहर की किताब ‘ड्रेस्ड टू किल’ में हुआ था। इस किताब में कहा गया था कि जो औरतें 12 घंटे से ज्यादा अंडर-वायर वाली ब्रा पहनती हैं, उन्हें अन्य महिलाओं की तुलना में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। उस किताब में कहा गया है कि ब्रा आपके ब्रेस्ट में मौजूद लिम्फ सिस्टम को जकड़े रखती हैं, जिस कारण ब्रेस्ट में बहुत से खतरनाक केमिकल इकट्ठे हो जाते हैं। लेकिन अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, ऐसे कोई सबूत नहीं हैं जिनसे ये साबित हो सके कि ब्रा की वजह से लिम्फ सिस्टम के काम में बाधा आती है।कई बार आपको व्हाट्सऐप पर ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े फॉरवर्ड मैसेजेस आए होंगे। इनमें लिखा होता है कि काले रंग की ब्रा ना पहनें क्योंकि ये धूप को सोख लेती है जिससे सूरज खतरनाक किरणें ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनती हैं। डॉ ने बताया कि काले रंग की या पैडेड और अंडर-वायर वाली ब्रा भारत के गर्म और उमस भरे मौसम के लिए सही नहीं है। जैसे गर्मियों में हम हल्के रंग के कॉटन के बाहरी कपड़े पहनते हैं, ब्रा और पैंटी भी उसी हिसाब से पहननी चाहिए। हमारे देश के अधिकतर जगहों में 8 से 9 महीने गर्मी और उमस होती है। मोटे और बहुत टाइट अंडरगारमेंट हमारी त्वचा पर रैशेज और खुजली पैदा कर सकते हैं। इन सब बातों के बीच डॉ निदा ने एक बात बिलकुल स्पष्ट तौर से कही कि ब्रा के रंग या उसके प्रकार का ब्रेस्ट कैंसर से कोई लेना-देना नहीं है। कहने का मतलब ये हैं कि पैडेड, अंडर-वायर्ड या डार्क रंगों वाली ब्रा आपकी स्किन पर रैसेज और घमोरियां पैदा कर सकती हैं लेकिन इनका ब्रेस्ट कैंसर से कोई लेना-देना नहीं होता। <br /> <br />#BlackBraBreastCancer